लेखनी कहानी -02-Jan-2022 नई शुरुआत करते हैं
अतीत
नए दिन की प्रतीक्षा
अतीत में क्यों बैठे हो उठो,
बाहर निकलो मेरे यार ।
एक नया सूरज कर रहा है,
तुम्हारा इंतजार।
सुनो !अतीत तो ,
जिंदगी की पढी किताब है।
कुछ गलती कुछ प्यार भरे ,
लफ्जों का हिसाब है ।
सब को कैसे साथ ले पाओगे ,
जिंदगी में फिर कैसे जी पाओगे ।
जो गुजर गया वह कल था ,
जो आज चल रहा है आज है ।
कल को याद कर हरदम ,
आज को ना बर्बाद करो ।
अतीत की परछाइयों को,
साथ लेकर ना चलो ।
आज का स्वागत करो ,
कड़वी गुजरी यादों को विदा कर।
जिंदगी की फिर ,एक नई शुरुआत करो ।
भोर के सूरज का तुम आगाज करो।
कह रहा है प्रतीक्षा उठो जागो
प्यार का इजहार करो
एक दूजे की गलती माफ कर
जीवन की शुरुआत करें।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
2.1.२०११
प्रतियोगिता के लिए